अक्षांश और देशांतर: पूरी जानकारी, महत्व और उपयोग | MockQuizy

अक्षांश और देशांतर क्या हैं? इनकी गणना कैसे करें? जानिए पृथ्वी की भौगोलिक रेखाओं का इतिहास, महत्व और GPS में उपयोग MockQuizy पर।

Binay Kumar Mahato
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अक्षांश और देशांतर पृथ्वी पर किसी भी स्थान की सटीक लोकेशन बताने वाली भौगोलिक रेखाएँ हैं। चाहे आप GPS से रास्ता ढूंढ रहे हों या समुद्र में जहाज़ नेविगेट कर रहे हों, ये रेखाएँ दुनिया को समझने की “कुंजी” हैं। इस ब्लॉग में, हम इनके इतिहास, गणना, उपयोग और महत्वपूर्ण तथ्यों को विस्तार से जानेंगे।

अक्षांश क्या है? (What is Latitude?)

अक्षांश (Latitude) वे काल्पनिक रेखाएँ होती हैं जो भूमध्य रेखा (Equator) के समानांतर खींची जाती हैं और पृथ्वी की सतह पर किसी स्थान की उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थिति को दर्शाती हैं। इन रेखाओं की गणना अंश (डिग्री) में की जाती है और ये 0° (भूमध्य रेखा) से लेकर 90° उत्तर (उत्तरी ध्रुव) तथा 90° दक्षिण (दक्षिणी ध्रुव) तक फैली होती हैं।

प्रमुख अक्षांश रेखाएँ

  • भूमध्य रेखा (0°): उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध को विभाजित करती है।
  • कर्क रेखा (23.5°N): गर्मियों में सूर्य इसके ठीक ऊपर होता है।
  • मकर रेखा (23.5°S): दक्षिणी गोलार्ध की प्रमुख रेखा।
  • आर्कटिक व अंटार्कटिक वृत्त (66.5°N और 66.5°S): इनके आसपास मध्यरात्रि के सूर्य का नज़ारा दिखता है।

उदाहरण: दिल्ली का अक्षांश 28.7041°N है, यानी यह भूमध्य रेखा से 28.7° उत्तर में स्थित है।

अक्षांश रेखाएँ

देशांतर क्या है? (What is Longitude?)

देशांतर (Longitude) वे काल्पनिक रेखाएँ होती हैं जो उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों को जोड़ती हैं और पृथ्वी पर किसी स्थान की पूर्व-पश्चिम दिशा में स्थिति को दर्शाती हैं। इन रेखाओं की गणना अंश (डिग्री) में की जाती है और ये 0° (प्रधान मध्याह्न रेखा) से लेकर 180° पूर्व (E) और 180° पश्चिम (W) तक फैली होती हैं। देशांतर रेखाएँ अक्षांश रेखाओं के लंबवत होती हैं और वे पृथ्वी को विभिन्न समय क्षेत्रों (Time Zones) में विभाजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

प्रमुख देशांतर रेखाएँ

  • प्राइम मेरिडियन (0°): लंदन के ग्रीनविच से गुज़रती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (180°): इसके पूर्व-पश्चिम में तिथि बदलती है।

उदाहरण: मुंबई का देशांतर 72.8777°E है, यानी यह प्राइम मेरिडियन से 72.8° पूर्व में है।

देशांतर रेखाएँ

अक्षांश और देशांतर में अंतर

पैरामीटरअक्षांशदेशांतर
दिशाउत्तर-दक्षिणपूर्व-पश्चिम
समानांतर/मेरिडियनसमानांतर रेखाएँमेरिडियन रेखाएँ
संख्या180 (90°N से 90°S)360 (180°E से 180°W)
काल्पनिक रेखाभूमध्य रेखाप्राइम मेरिडियन

अक्षांश और देशांतर का इतिहास

प्राचीन काल में 

  • यूनानी विद्वान एराटोस्थनीज ने भूमध्य रेखा की लंबाई मापी।
  • सुमेरियन सभ्यता ने सितारों के आधार पर अक्षांश की गणना की।

आधुनिक विकास

  • 1760: जॉन हैरिसन ने Chronometer घड़ी बनाई, जिससे समुद्र में देशांतर मापना आसान हुआ।
  • 1978: GPS तकनीक का आविष्कार, जो अक्षांश-देशांतर को सटीकता से दिखाता है।

अक्षांश और देशांतर कैसे निकालें?

  1. मैनुअल गणना:
    • सूर्य की ऊँचाई और सितारों की स्थिति से (प्राचीन तरीका)।
  2. GPS डिवाइस:
    • स्मार्टफोन या GPS डिवाइस में Google Maps खोलें > लोकेशन शेयर करें > कोऑर्डिनेट्स देखें।
  3. ऑनलाइन टूल्स:
    • LatLong.net या Google Earth पर जगह सर्च करें।

टिप: दिल्ली का कोऑर्डिनेट 28.7041°N, 77.1025°E है। पहला नंबर अक्षांश, दूसरा देशांतर होता है।

रोजमर्रा के जीवन में उपयोग

  • नेविगेशन: Google Maps, Uber जैसे ऐप्स जो अक्षांश और देशांतर के उपयोग से हमारी सटीक लोकेशन का पता लगाते हैं। ये ऐप्स GPS (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) के माध्यम से पृथ्वी की सतह पर हमारी स्थिति को निर्धारित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, समुद्री जहाजों और विमानों के लिए भी नेविगेशन सिस्टम में अक्षांश-देशांतर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
  • मौसम पूर्वानुमान: तूफानों की ट्रैकिंग, बारिश, तापमान और वायुमंडलीय परिवर्तनों की निगरानी के लिए अक्षांश और देशांतर का उपयोग किया जाता है। मौसम वैज्ञानिक सैटेलाइट इमेजरी और डेटा के आधार पर मौसम की भविष्यवाणी करने में इनका इस्तेमाल करते हैं।
  • समय जोन: देशांतर के आधार पर दुनिया को 24 टाइम जोन में बाँटा गया है। प्रत्येक टाइम जोन 15° देशांतर के अंतराल पर स्थित होता है, क्योंकि पृथ्वी अपनी धुरी पर 360° घूमती है और इसे 24 घंटे में पूरा करती है। इसका अर्थ है कि प्रत्येक घंटे में पृथ्वी लगभग 15° घूमती है। इसी सिद्धांत के आधार पर विभिन्न देशों और क्षेत्रों के लिए स्थानीय समय निर्धारित किया जाता है। उदाहरण के लिए, भारत का मानक समय (IST) 82.5°E देशांतर पर आधारित है, जो ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।
  • विमान यात्रा: फ्लाइट रूट्स प्लान करने, हवाई यातायात को नियंत्रित करने, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) द्वारा विमानों की सटीक निगरानी में अक्षांश और देशांतर का उपयोग किया जाता है। विमानन कंपनियाँ देशांतर रेखाओं के आधार पर उड़ानों के समय और मार्ग निर्धारित करती हैं, जिससे वे ईंधन की बचत और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कर सकें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. अक्षांश और देशांतर में क्या अंतर है?
अक्षांश उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थिति दर्शाता है, जबकि देशांतर पूर्व-पश्चिम दिशा में स्थान बताता है।

Q2. GPS में अक्षांश-देशांतर कैसे काम करता है?
GPS सैटेलाइट्स पृथ्वी पर आपकी सटीक स्थिति के कोऑर्डिनेट्स (अक्षांश और देशांतर) कैलकुलेट करके दिखाते हैं।

Q3. भारत का मानक देशांतर कौन सा है?
भारत का मानक देशांतर 82.5°E (इलाहाबाद के पास) है, जो भारतीय मानक समय (IST) का आधार है।

Q4. भूमध्य रेखा (Equator) क्या है?
भूमध्य रेखा पृथ्वी का काल्पनिक मध्यवर्ती रेखा है, जो 0° अक्षांश पर स्थित होती है।

Q5. ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) क्या होता है?
GMT एक वैश्विक समय मानक है, जो लंदन के पास ग्रीनविच वेधशाला से गिना जाता है और इसे 0° देशांतर माना जाता है।

Q6. अक्षांश और देशांतर रेखाएँ क्यों महत्वपूर्ण हैं?
ये रेखाएँ पृथ्वी पर किसी भी स्थान की सटीक स्थिति बताने, मानचित्रण, नेविगेशन और समय क्षेत्र निर्धारण के लिए उपयोगी होती हैं।

Q7. कितने प्रमुख अक्षांश और देशांतर रेखाएँ होती हैं?
मुख्य अक्षांश रेखाएँ: भूमध्य रेखा (0°), कर्क रेखा (23.5°N), मकर रेखा (23.5°S), आर्कटिक सर्कल (66.5°N), अंटार्कटिक सर्कल (66.5°S)।
मुख्य देशांतर रेखा: ग्रीनविच मेरिडियन (0°) और प्रत्येक 15° पर अन्य देशांतर रेखाएँ।

Q8. किसी स्थान की सटीक लोकेशन कैसे पता की जाती है?
किसी स्थान की सटीक लोकेशन अक्षांश (latitude) और देशांतर (longitude) के कोऑर्डिनेट्स से निर्धारित की जाती है।

Q9. देशांतर रेखाओं का समय से क्या संबंध है?
हर 15° देशांतर पर समय में एक घंटे का अंतर होता है। पृथ्वी की कुल 360° घूर्णन अवधि 24 घंटे में पूरी होती है, जिससे प्रत्येक 15° पर 1 घंटे का समय अंतराल बनता है।

Q10. अक्षांश और देशांतर से संबंधित कौन-कौन से उपकरण होते हैं?
GPS डिवाइस, मानचित्र, कम्पास, स्मार्टफोन, गूगल मैप्स और विभिन्न नेविगेशन सॉफ्टवेयर अक्षांश-देशांतर की गणना और नेविगेशन में सहायता करते हैं।

निष्कर्ष:

इस लेख में हमने समय क्षेत्र (टाइम ज़ोन) की बेसिक जानकारी, GMT vs IST, और डेलाइट सेविंग टाइम समझा। परीक्षा में इनसे जुड़े Numerical सवाल या “समय क्षेत्र की ज़रूरत क्यों?” जैसे टॉपिक्स अक्सर आते हैं। और अगर आप mock test Revise करना चाहते है तो MockQuizy में जा कर दें ताकि एग्जाम में Confusion न हो, इसके लिए अभ्यास ज़रूर करें! या फिर अगर आप इसके बारे में और जानना चाहते है तो यहाँ क्लिक कर सकते है।

Binay Kumar is a pointsman at RITES Limited. His job is to handle track switching and train movement, so that railway operations run smoothly. He is very attentive to his work and takes full care of safety. Apart from this, he is very interested in teaching children. This is what he likes to do in his free time.
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